शुक्रवार, 8 मार्च 2013

तलाश

मंजिल की तलाश  है !
जीवन  पथ पर हूँ !
कभी अँधेरा  कभी  उजाला !
अभी  इम्तहान  बाकी  है !
स्वप्न  हकीकत  बने
सत्य  की  तलाश  में  हूँ !
विराट  तक  पहुँचने  को
साँसों  को संभाले  हूँ  !
दुखों  को  जलाकर
ख़ुशी  की  तलाश  में हूँ !
तुमको  पाने की  आस  में हूँ !
खुद  को खोने  की  चाह  में हूँ !

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