मंजिल की तलाश है !
जीवन पथ पर हूँ !
कभी अँधेरा कभी उजाला !
अभी इम्तहान बाकी है !
स्वप्न हकीकत बने
सत्य की तलाश में हूँ !
विराट तक पहुँचने को
साँसों को संभाले हूँ !
दुखों को जलाकर
ख़ुशी की तलाश में हूँ !
तुमको पाने की आस में हूँ !
खुद को खोने की चाह में हूँ !
जीवन पथ पर हूँ !
कभी अँधेरा कभी उजाला !
अभी इम्तहान बाकी है !
स्वप्न हकीकत बने
सत्य की तलाश में हूँ !
विराट तक पहुँचने को
साँसों को संभाले हूँ !
दुखों को जलाकर
ख़ुशी की तलाश में हूँ !
तुमको पाने की आस में हूँ !
खुद को खोने की चाह में हूँ !
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