ओ रे पथिक !
तू व्रज की ओर मत जाना !
अगर व्रज में जाना तो
यमुना की ओर न जाना !
वहां एक काला कान्हा है !
उसे तू न देखना !
जब वो वंशी अधरों पर धरे ,
तो वहां रुकना मत !
पथिक !जो तू वहां ,गया
तो अपना सब कुछ हार जायेगा !
बावरा बन के भटकेगा !
तू व्रज की ओर न जाना !
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