गुरुवार, 21 मार्च 2013

व्रज

 ओ रे पथिक !
तू व्रज की ओर  मत जाना !
अगर व्रज में जाना तो 
यमुना की  ओर  न  जाना !
वहां एक   काला  कान्हा है !
उसे तू  न देखना !
जब वो वंशी अधरों पर धरे ,
तो वहां रुकना मत !
पथिक !जो तू वहां  ,गया
तो अपना सब कुछ हार जायेगा !
बावरा  बन के भटकेगा !
तू व्रज की ओर न  जाना !


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