एक तुम्हारा होना
एक तुम्हारा होना क्या से क्या कर देता है
बेजुबान छत , दीवारों को घर कर देता है |
जुबां तोतली , शब्द अनगढे
फिर भी सार्थक लगता है
बोल तुम्हारे बार बार सुनने को जी करता है |
आंखे बोले बैन सुरीले
हाथ उठा कर सम्झना
एक तुम्हारा होना सातो सुर भर देता है |
चितवन चंचल ,एक फांक नाक
धीमी मुस्कान के बीच दो दाँत
यह छवि तो मेरे हृदय मे शिव बन रहती है |
शकुन्तला