तीर्थराज प्रयाग
अपार भीड़
परम शान्ति !
गंगा का धुंधला जल
यमुना का नीला जल
दोनों के मिलने का
स्थल है संगम
सरस्वती लुप्त हैं !
कुदरत की सशक्त उपस्थिति
का प्रत्यक्ष दर्शन है
प्रयाग में !
दो भागो में दो पवित्र नदियों
के जल का दिखना
अद्भुत !
मेल क्षेत्र का नजारा
रात में अभूतपूर्व !
यहाँ रात नहीं आती
55 दिनों तक !
नागा साधुओं की
नगाड़ों पर ताल
शाही सवारी
निकलती है
अमृत पाने को
चारो दिशाओं के
लोग आतें हैं
एक बूँद अमृत की पाने को
2013 का पूर्ण कुम्भ