बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

महाकुम्भ


तीर्थराज प्रयाग 
अपार भीड़ 
परम शान्ति !
गंगा का धुंधला जल 
यमुना का नीला जल 
दोनों के मिलने का 
स्थल है संगम 
सरस्वती लुप्त हैं !
कुदरत की सशक्त उपस्थिति 
का प्रत्यक्ष दर्शन है 
प्रयाग में !
दो भागो में दो पवित्र नदियों 
के जल का दिखना 
अद्भुत !
मेल क्षेत्र का नजारा 
रात में अभूतपूर्व !
यहाँ रात नहीं आती 
55 दिनों तक !
 नागा साधुओं की 
नगाड़ों पर ताल 
शाही सवारी 
निकलती है 
अमृत पाने  को 
चारो  दिशाओं के 
लोग आतें हैं 
एक  बूँद  अमृत की पाने को 
2013 का  पूर्ण  कुम्भ