मंगलवार, 19 मार्च 2013

आज


आज मन में ,
कविता बने तुम !
शब्द बन कागज पे उतरे !
चेतना के  पंख  फूटे !
बड़े सुन्दर  अर्थ   निकले !
आज जीवन जिया मैंने !
स्वागत तुम्हारा  किया  मैंने !
आज फिर आइना देखा मैंने !
आज का यह दिन तुम्हे ही दिया मैंने !


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