गुरुवार, 7 मार्च 2013

विकल मन


आज फिर वंशी बजी है
फिर विकल मन ,
आएंगे वो आज फिर यह भ्रम हुआ है
है विकल मन
भीड़ में भी हम अकेले ही रहे हैं !
हादसा यह मेरे संग हरदम हुआ है !
आज फिर वंशी बजी है

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