रविवार, 16 जून 2013

सत्य

सत्य को ही  'सत्य' कहने के लिए  ,
मैं अदालत  में  लिए गीता खड़ा !

झूठ के तो हर तरफ ही पाँव हैं
सत्य बेचारा  बना 'तनहा 'खड़ा !

जुबान जिनको थी वो तो चली अपनी ही तरह
वो सत्य था की जो भौचक रहा पत्थर की तरह !

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