रविवार, 16 जून 2013

हे देव

हे देव !
मेरे आविल स्वप्न
अनंत पथ की बातें
मंडराती अभिलाषा
अमिट  बनेगी !
नभ के आँचल में
एक दिन तुम देखोगे
इश वचन का सत्य होना
मेरे संकल्प का निभना
तुम्हे देना होगा
असीम अमरता
मेरा मुक्ताकाश !

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