हमारा जीवन हो ! पहचान
पहचान बने मेरा जीवन !
अपनी धरती ,अपनी मिट्टी ,
अपना गारा ,अपना ईटा !
अपना सांचा ,अपना खांचा ,
अपना आशियाँ बनायेंगे !
हम अपने घर को बसायेंगे !
अपनी पहचान बनायेंगे !
खंडहर बने न कभी कही ,
आकाश धरा से मिले यही ,
ऐसी एक नस्ल बढ़ाएंगे -
इक सीमा तक ले जायेंगे ,
फिर सीमा हमें बनाएगी !
मेरी पहचान बताएगी !
मेरी पहचान बताएगी !!
अपनी धरती ,अपनी मिट्टी ,
अपना गारा ,अपना ईटा !
अपना सांचा ,अपना खांचा ,
अपना आशियाँ बनायेंगे !
हम अपने घर को बसायेंगे !
अपनी पहचान बनायेंगे !
खंडहर बने न कभी कही ,
आकाश धरा से मिले यही ,
ऐसी एक नस्ल बढ़ाएंगे -
इक सीमा तक ले जायेंगे ,
फिर सीमा हमें बनाएगी !
मेरी पहचान बताएगी !
मेरी पहचान बताएगी !!
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