सोमवार, 24 सितंबर 2012

पहचान

                                             

हमारा  जीवन हो ! पहचान 
पहचान  बने मेरा  जीवन !
अपनी धरती ,अपनी मिट्टी ,
अपना गारा ,अपना ईटा !
अपना  सांचा ,अपना खांचा ,
अपना   आशियाँ  बनायेंगे  !
हम अपने घर को बसायेंगे !
अपनी पहचान बनायेंगे !
खंडहर बने न कभी कही ,
आकाश धरा से मिले यही ,
ऐसी  एक नस्ल बढ़ाएंगे -
इक सीमा तक ले जायेंगे ,
फिर सीमा हमें  बनाएगी !
मेरी  पहचान  बताएगी  !
मेरी  पहचान  बताएगी !!

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