बुधवार, 9 मई 2012

यौवन

अति उत्साही, अद्भुत शक्ति से भरा यौवन,
खुशियों  के ज्वार  में ,निर्बंध  बंधन  में,
अपने  ही नियमों में चलता  है यौवन।
बिना  सोचे  भूल  किये  जाना,
परिणाम  की परवाह से बेखबर,
बेखोफ  रहता  है  यौवन।

सीमोल्लंघन, अमर्यादित, चंचल यौवन,
गहरे संकट, ऊँची चढाई, सब  करने  को तत्पर  यौवन।
जीवन-  मृत्यु, झंझा-आंधी सब सहने को राजी यौवन।
बेचैन , विकल , अति  ज्ञानी,
अपनी धुन  में, स्वर्ण हिरन की चाहत में 
रहता  है   यौवन।

कोई न  रोको   कोई  न   बांधो,
मुझे  चाहिए   पूरी  आज़ादी,
मन  की  गति  से  चलता   यौवन।
चंचल  छलांग, उन्मुक्त उड़ान,
कल्पना  के  लोक   में ,
सपन  समंदर  में  विचरता  यौवन।
बाधा, दुःख  से  हाथ  मिलाता,
सबसे  आगे , सबके  संग  में,
सब  विधियों  में  जीवट  यौवन।
मैं हूँ  यौवन !!!

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