रविवार, 17 जून 2012

चलो आली

चलो आली  चित चोर आया।
त्रिभंगी  मुद्रा/ तिरछा  चितवन/ मनहर रूप
रस राज/ रास रसेश्वर  आया।

चलो  आली।

कालिया नाग  नथैया/ अहंकार तोड़े यह गउओं का चरैया
गोपी  प्राण  बसैया  आया।

चलो आली।


धर्म रक्षक/ धर्म  धारक/ धर्म पालक
धर्म  राज्य  रचैया  आया।

चलो आली।


प्रेम  धारक/ प्रेम पोषक/ प्रेम रक्षक
प्रेम  रचनाकार  आया।

चलो आली।


प्राण  दाता/ दुःख हरता/ सुख  करता
दीना नाथ जगन्नाथ आया।

चलो आली।

अनंत/ अखंड/ अछेद/ अभेद
सुवेद  है आया।
चलो आली।


कृष्ण कृष्ण/ महाबाहो/  अच्युत/ अनंत
गोविन्द  है  आया।

चलो आली।


चली आली चितचोर आया/
'सुदर्शन'  प्रेम  रूप  धर आया।

चलो आली।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें