त्रिभंगी मुद्रा/ तिरछा चितवन/ मनहर रूप
रस राज/ रास रसेश्वर आया।चलो आली।
कालिया नाग नथैया/ अहंकार तोड़े यह गउओं का चरैया
गोपी प्राण बसैया आया।
चलो आली।
धर्म रक्षक/ धर्म धारक/ धर्म पालक
धर्म राज्य रचैया आया।
चलो आली।
प्रेम धारक/ प्रेम पोषक/ प्रेम रक्षक
प्रेम रचनाकार आया।
चलो आली।
प्राण दाता/ दुःख हरता/ सुख करता
दीना नाथ जगन्नाथ आया।
चलो आली।
अनंत/ अखंड/ अछेद/ अभेद
सुवेद है आया।
चलो आली।
कृष्ण कृष्ण/ महाबाहो/ अच्युत/ अनंत
गोविन्द है आया।
चलो आली।
चली आली चितचोर आया/
'सुदर्शन' प्रेम रूप धर आया।
चलो आली।
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